Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -17-Oct-2022... करवा चौथ

अरे रुकिए... टिफिन तो लेते जाइये..। आप भी ना रोज़ भूल जाते हैं..। इतनी भी क्या जल्दी लगी रहतीं हैं आपको...। 


कभी आफिस चल कर देखो तो पता चले तुम्हें... ष। रोजाना सौ लोगों से सिर खपाना होता हैं... ऐसे ही नोट नहीं छपते हैं.... दिन रात एक करना पड़ता हैं...। तुमने कभी कमाया हो तो पता चले... । सारा दिन घर में ही बैठना हैं तुम्हें...। 

हां पतिदेव... जानती हूँ.... और आपकी मेहनत को मानती भी हूँ... लेकिन जिस रोटी के लिए दिन रात एक करते हो.... उसको चैन से बैठकर तो खा ही सकते हो....। 

तुम से बहस करना ही बेकार हैं.... लाओ दो टिफिन....ओर रात को मेरा इंतजार मत करना मुझे आने में वक्त लगेगा...। 

अजित हर रोज़ की तरह अपनी वाइफ प्रियंका पर गुस्सा करते हुवे आफिस की ओर चल दिया...। 

आफिस में लंच टाइम में.... 
अजित बाकी सभी के साथ अपना लंच करने कैंटीन में बैठा..। 
विजय :- क्या हुआ रितिक....आज भाभी ने तेरा लंच नहीं दिया क्या...! 

अरे नहीं.. आज मेरा व्रत हैं....। 

व्रत.... किस बात का यार..! 

करवा चौथ का...। 

करवा चौथ....अरे लेकिन वो तो औरते रखती हैं ना... तुने क्यूँ रखा हैं... भाभी नहीं रख रहीं क्या तेरे लिए...। वहाँ बैठे सभी सहकर्मी मजाक उड़ाते हुवे बोले..। 

ऐसा नहीं हैं.. उसने भी रखा हैं...। यार वो कितना कुछ करतीं हैं हमारे लिए.. हम उनके लिए एक दिन भूखे नहीं रह सकते क्या..! 

अजित :- हम्म.... सारा दिन घर में बैठकर कौनसा तीर मार लेती हैं ये औरते... मुझे तो समझ नहीं आता... तु तेरी बीवी की इतनी गुलामी क्यूँ करता हैं...। 

बात गुलामी की नहीं हैं अजित... मैं सच में उसके बिना कुछ नहीं हूँ...। यार सुबह बिना अलार्म के उठ जाती हैं..। मेरी हर छोटी सी छोटी जरुरत को मेरे बोलने से पहले पूरा कर देती हैं..। सुबह की चाय से लेकर रात के खाने तक सब कुछ अकेले संभालती हैं..। मैं बिमार होता हूँ तो माँ की तरह मेरी देखभाल करतीं हैं....। मेरे सभी रिश्तेदारों का ध्यान रखतीं हैं... मेरी पसंद नापसंद.... हर बात का ख्याल रखती हैं.. और सबसे बड़ा त्याग तो वो बच्चे पैदा करके अपनी सुंदरता का करतीं हैं.... बिना किसी शिकायत के...। कभी मुझसे कुछ नहीं मांगती तो क्या मैं उसके लिए इतना नहीं कर सकता...। वो खुद तो ना जाने पूरे साल में कितने ही व्रत रखतीं हैं... लेकिन तुम्हें पता हैं मुझे आज ये व्रत रखने ही नहीं दे रहीं थीं...। कितनी मिन्नते की हैं तब जाकर मानी हैं.. और देखना रात को सब मेरी पसंद का ही बनाएगी... खुद का बिल्कुल नहीं सोचेगी...। यार एक बार उनके इस प्यार और समर्पण के बारे में सोचकर देख..। 

इतना कहकर रितिक वहाँ से चला गया..। उसके जाने के बाद अजित सोच में पड़ गया... वो मन ही मन सोचने लगा... सच हैं यार... मैं रोज़ उस पर कितना गुस्सा करता हूँ... लेकिन वो कभी बुरा नहीं मानती... हर बार हंस कर ऐसे दिखाती हैं जैसे कुछ हुआ ही ना हो...। 
अपनी वाइफ की हर बात सोचकर आज अजित को पहली बार अपनी पत्नी प्रियंका पर प्यार आ रहा था...। उसने उसी वक्त फोन करके उससे कहा :- हैलो प्रियंका...। 

जी बोलिए... क्या हुआ... सब ठीक तो हैं ना... आपने फोन.. ! 

सब ठीक हैं... बस ये पूछना था की क्या तुमने आज व्रत नहीं रखो..? 

जी रखा हैं... करवा चौथ का व्रत कैसे नहीं रखुंगी...। 

तो फिर तुमने मुझे सवेरे मेरे इंतजार ना करने पर कहा तो... तुमने कुछ बोला नहीं की जल्दी आना..!! 

मैं कुछ बोलतीं तो तुम गुस्सा हो जाते इसलिए... 

तो फिर व्रता कैसे खोलती अपना..! 

हर बार की तरह आपका फोटो देखकर.. । 

इस बार ऐसा मत करना...मैं समय पर आ जाऊंगा...। ओके...। अपना ध्यान रखना...। रखता हूँ अभी..। 

अजित के फोन रखते ही प्रियंका आज सातवें आसमान पर थीं... उसकी खुशी की कोई सीमा ही नहीं थीं..। सच में आज उसे करवा चौथ का सही गिफ्ट मिल गया था.. जिसकी वो हकदार थीं...। 

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5 Comments

Gunjan Kamal

22-Oct-2022 08:02 PM

बहुत ही सुन्दर लिखा

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Bahut khoob 💐👍

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Shnaya

21-Oct-2022 06:36 PM

बहुत ही शानदार

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